Friday, June 8, 2012

पिता.................



पिता जीवन है सम्बल है शाक्ति है।
पिता शाक्ति के निर्माण की अभिव्यक्ति है।
पिता अंगुलि पकड़े बच्चे का सहारा है।
पिता कभी खट्टा तो कभी खारा है।
पिता पालन है पोषण है परिवार का अनुशासन है।
पिता धौंस से चलने वाला शासन है।
पिता रोटी है कपड़ा है मकान है।
पिता छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान है।
पिता अप्रदर्शित अनन्त प्यार है।
पिता है तो बच्चों को इन्तजार है।
पिता से ही बच्चों के ढेÞर सारे सपने हैं।
पिता है तो बाजार के सारे खिलौने अपने हंै।
पिता से मां की बिंदिया और सुहाग है।
पिता परमात्मा की जगत के प्रति आशक्ति है।
पिता अपनी इच्छाओं का अनन्त और परिवार की पूर्ति है।
पिता रक्त में दिए हुए संस्कारों की मूर्ति है।
पिता एक जीवन को जीवन का दान है।
पिता सुरक्षा है अगर सर पर हाथ है।
पिता नहीं तो बचपन अनाथ है।
तो पिता से बड़ा तुम अपना नाम करो ।
पिता का अपमान नहीं उन पर अभिमान करो।
क्योंकि मां बाप की कमी को कोई बांट नहीं सकता।
ईश्वर भी इन के आशीषों को काट नहीं सकता।
विश्व में किसी भी देवी देवता का स्थान दूजा है।
मां बाप की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है।
विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्रा व्यर्थ है।
यदि बेटे के होते मां बाप असमर्थ।
वो खुश नसीब होते हैं मां बाप जिनके साथ होते है।
क्योंकि मां बाप के आशीषों के हाथ हजारों के हाथ होते हैं।

9 comments:

  1. माता-पिता जीवन की पहली पाठशाला हैं

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  2. कल 17/06/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  3. एक निवेदन
    कृपया निम्नानुसार कमेंट बॉक्स मे से वर्ड वैरिफिकेशन को हटा लें।
    इससे आपके पाठकों को कमेन्ट देते समय असुविधा नहीं होगी।
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    अधिक जानकारी के लिए कृपया निम्न वीडियो देखें-
    http://www.youtube.com/watch?v=VPb9XTuompc

    धन्यवाद!

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  4. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...आभार
    फादर्स डे की हार्दिक शुभकामनाएँ

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  5. पिता दिवस की शुभकामनाएं

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  6. सुन्दर रचना

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