बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी
लोग बेवजहा उदासी का सबब पूछेंगे
ये भी पूछेंगे के तुम इतनी परेशां क्यों हो
उंगलियां उठेंगी सुखे हुए बालों की तरफ
एक नजर देखेेंगे गुजरे हुए सालों की तरफ
चूड़ियों पर भी केई तंज किए जाएंगे
कांपते हुए हाथों पर भी फिकरे कसे जाएंगे
लोग जालिम हैं हर एक बात का ताना देंगे
बातों-बातों में मेरा जिर्क भी ले आएंगे
उन कि बातों का जरा सा भी असर मत लेना
वरन चहरे के तासुर से समझ जाएंगे
चाहे कुछ भी हो सवालात न करना उनसे
मेरे बारे में कोई बात न करना उनसे
बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी
-जगजीत सिंह
लोग बेवजहा उदासी का सबब पूछेंगे
ये भी पूछेंगे के तुम इतनी परेशां क्यों हो
उंगलियां उठेंगी सुखे हुए बालों की तरफ
एक नजर देखेेंगे गुजरे हुए सालों की तरफ
चूड़ियों पर भी केई तंज किए जाएंगे
कांपते हुए हाथों पर भी फिकरे कसे जाएंगे
लोग जालिम हैं हर एक बात का ताना देंगे
बातों-बातों में मेरा जिर्क भी ले आएंगे
उन कि बातों का जरा सा भी असर मत लेना
वरन चहरे के तासुर से समझ जाएंगे
चाहे कुछ भी हो सवालात न करना उनसे
मेरे बारे में कोई बात न करना उनसे
बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी
-जगजीत सिंह
nice
ReplyDeleteक्या बात है, दोस्त!
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