कौन बताएगा मुझे?
क्या लिखूं इस बात को
अपने जीवन के इतिहास को
सवालों के इन फलसफों को
अपने खाली जवाबों को
कैसे कहूं किससे पूंछू
क्या होगा मेरे जन्म का प्रमाण
कौन लिखेगा मेरे जीवन का निर्माण
ये सवाल रेंगते हैं दिमाग में
किड़े का रूप लिए
दिनों-रात
कौन बताएगा कि
क्या है हुआ मेरे साथ
ये है पुर्नजन्म
या हुआ है पुनर्विवाह
कौन बताएगा मुझे की
किया है मैने कैसा काम
अब मुझे मिलेंगी दुआएं या बद्दुआंओं का लहराएगा परमान
किसका उच्च पद है इस संसार में
वो कौन है जो सबसे आगे है फेहरिस्त में
कौन बताएगा मुझे?
जिंदगी को बदलना खुद के हाथ है।
ReplyDeleteपरिस्थियों से लड़ना खुद के हाथ है।
वक्त के भरोसे रहोगे मेरे दोस्त
तो आने वाला समय का हश्र भी खुद के हाथ है।
समय से पहले लड़ लोगे तो
आने वाली खुशियां भी खुद के हाथ है।
फैसलों पर नहीं भविष्य की सोचो
ReplyDeleteअगर तोड़नी है तो प्रथाएं तोड़ो, सपनों को नहीं
जिंदगी में जरुरी नहीं ताज हर किसी को मिले
हर किसी को तुम पर नाज हो बस इस बात का ख्याल रखना