बाबा साहब भीम राव
अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस की पूर्व संध्या पर हर वर्ष की
तरह
इस
वर्ष
भी
नेशनल
कोंफेडेरेशन
आॅफ
दलित
ओर्गनाइजेशन्स
(नैक्डोर)
और
इसके
साथी
संगठनों
राष्ट्रीय
दलित
महासभा,
राष्ट्रीय
दलित
महिला
आन्दोलन
और
आदिवासी
अधिकार
आन्दोलन,
द्वारा
आयोजित
वार्षिक
कार्यक्रम
चार
दिसम्बर
2014 को राष्ट्रीय
दलित
आदिवासी
अधिकार
सम्मलेन
और
पांच
दिसम्बर
2014 को दलित
सम्मान
मार्च
और
राष्ट्रीय
दलित
महासभा
में
हम
आप
को
सादर
आमंत्रित
करते
हैं।
नैक्डोर
देश
के
2100 से अधिक
दलित
आदिवासी
संगठनों
का
साझा
मंच
है,
जो
देश
के
23 राज्यों में
फैले
हुए
हैं।
पिछले
चैदह
वर्षों
से
नैक्डोर
दलित
आदिवासी
अधिकारों
के
लिए
आवाज
बुलंद
करता
रहा
है।
यह
किसी
राजनैतिक
दल
से
नहीं
जुडा
है
पर
सारे
राजनैतिक
दलों
और
उनके
नेतृत्व
में
चलने
वाली
सरकारों
को
दलितों
आदिवासियों
के
विकास
के
लिए
और
अधिक
सक्रिय
होने
का
आह्वान
करता
है।
पांच
दिसंबर
विश्व
में
रंगभेद
के
विरुद्ध
आन्दोलन
के
प्रसिद्ध
नेता
दक्षिण
अफ्रीका
के
पूर्व
राष्ट्रपति
श्री
नेल्सन
मंडेला
की
भी
पुण्य
तिथि
है।
इस
महासभा
के
माध्यम
से
दलित
आदिवासियों
के
कुछ
मुख्य
अधिकारों
की
मांग
की
जाएगी।
इस
दौरान
मंच
से
कुछ
मुख्य
विषयों
पर
चर्चा
होगी,
जिसमें
पहला
जमींन
और
जंगल
पर
अधिकार
दूसरा
निजी
क्षेत्र,
सरकारी
क्षेत्र
और
सरकारी
बजटों
में
न्यायपूर्ण
हिस्सा,
तीसरा
जरुरी
सेवाएँ
- पोषण और
खाद्य
सुरक्षा,
जल
और
स्वच्छता
का
अधिकार,
चैथा
दलित
आदिवासी
युवाओं
की
चिंताएं-शिक्षा,
रोजगार,
उद्यमशीलता,
पांचवां
मनरेगा
और
मजदूर
और
दलित
आदिवासी
महिलाएं
- अत्याचारों के
प्रतिरोध
से
विकास
के
लिए
सशक्तीकरण
की
ओर
इस
सभी
पर
मुख्यता
से
प्रकाश
डाला
जाएगा।
साथ
ही
4 दिसम्बर 2014 को राष्ट्रीय
दलित
महासभा
की
ओर
से
दलित
आदिवासी
घोषण
पत्र
भी
जारी
किया
जाएगा।
आशा
है
कि
आप
देश
के
दलित
आदिवासी
समाज
के
इस
संघर्ष
में
आप
भागीदार
होंगे।
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